Saket Ranjan Shukla
27 Jun, 2021
क्यों ऐसा होता है
क्यों मेरे रास्ते, तेरी गली से होकर ही गुजरते हैं,
क्यों हारे हुए हम, तेरे दर पे आकर ही सँभलते हैं,
है कैसा रिश्ता, मेरी नज़रों और तेरी बालकनी का,
क्यों आवारा से हम तेरी नज़र पाकर ही सुधरते हैं.!
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
Paperwiff
by saketranjanshukla
27 Jun, 2021
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