Saket Ranjan Shukla
24 Aug, 2022
गलतफ़हमी में हो तुम
कहते हो, मुझे एहतियात बरतना नहीं आता,
बातों को बुझना और उन्हें परखना नहीं आता,
तुम्हारी आँखों में पाखंड, मैं साफ़ देख पाता हूँ,
और तुम समझते हो, मुझे समझना नहीं आता.!
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
Paperwiff
by saketranjanshukla
24 Aug, 2022
Life lessons
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