दीपक

दीपक

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 03 Nov, 2021 | 1 min read

दीपक संग जल बाती उजियारा फैलाये,

रोशनी चारों ओर के अँधेरा को है भगाये।


नेह के दीपक में अपनेपन की बाती हो,

इस बाती से मन का कोना रोशन हो जाये।


जलाओ दीप ज्ञान का इस पूरे जहां में,

इस रोशनी से अज्ञानता का तिमिर मिटाये।


कुम्हार के चाक पर बनता जो दीपक है,

वह कुम्हार के मेहनत को सदा ही दर्शाये।


रोशनी चारों ओर हो,ख़ुशियाँ फैली हों,

खिलखिलाते होठों को मुस्कान से सजाये।


मंदिर में जलता दीपक आस्था का प्रतीक हो,

इस दीपक से मन में उम्मीद को जगाये।


चलो इस दीपावली कुछ ऐसा करें हम,

हर घर में रोशनी हो अँधेरे को हटाए।

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Ruchika Rai

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