नैना झूठे भ्रम में रहें
दिल को हैं सदा उलझाए
स्वप्न नैनों में पाले ऐसे
जैसे वह हक़ीकत बन जाएं।
नैनों में बसे हैं छवि प्रिय की
मन देखो खुश हो जाए।
नैना झूठे उस छवि को हकीकत समझ
दिल को है बहलाये।
दर्द समुंदर कितने गहरे,
नैना उनमें डूबे और उतराए।
होठों पर मुस्कान सजाकर,
अश्क नैना देखो कैसे छुपाए।
नैना झूठे उलझे नैनों से,
प्रेम पगे और खींचे देखो चल जाए।
नही समझे ये बैरी नैना,
दर्द बहुतेरे अनजाने ही पाएं।
इन नैनों की बात निराली,झूठ सच नही बतलाएं
अपनी चमक से उम्मीद मन में जगाएं।
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