मुस्कान बस एक पर्दे हैं,
दर्द भरे दरीचे पर।
ऐसे पर्दे जो छुपाने की
कोशिश है दर्द की शिद्दत को।
ये उलझाते हैं,भरमाते हैं
मगर अपनों को आश्वस्त कर जाते हैं।
बेहतर है जीवन में
और बेहतर होने की उम्मीदें भी हैं।
मुस्कान हौसलों की परख हैं
जो तौलते हैं हमारी हिम्मत को।
ये हुनर हैं जीवन के
जो आँसुओं को पीछे करते हैं।
मुस्कान कभी किसी के दिल का सुकून है
तो कभी ये दिल का छिनता करार है।
मुस्कान चेहरे का शृंगार है,
दर्द का उपचार है,
और मुस्कान थकान का आराम है।
मुस्कान जब होठो पर छाती है,
तो खूबसूरती बढ़ा जाती है।
कितने दिलों को जीने का उम्मीद दे जाती है।
मुस्कान ने छुपाये अपने अंदर
खुशियों की सारी कायनात है।
मुस्कान निश्छल निर्मल है,
वह गंगा सा पवित्र है,
जब किसी बच्चे के चेहरे पर छाती है।
मुस्कान ही खुशी है,
मुस्कान ही प्रेरणा है,
मुस्कान ही प्रोत्साहन है।
बिन मुस्कान के जीवन में कहाँ कोई रंग है।
पर्दा है दर्द पर,
पर वास्तव में दर्द में भी मुस्कान
खुदा की रहमत है।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
निःसंदेह बेहद प्यारी रचना। मुस्कान पर लिखित एक उत्कृष्ट कविता
Thankyou
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