परिवार

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 08 Nov, 2022 | 0 mins read

प्रेम और विश्वास जिसका हो आधार,

रूठना मनाना छोटी छोटी हो तकरार,

एक दूसरे के लिए परवाह ख्याल रहे,

जरूरत पर रहें एक दूसरे के लिए तैयार।


एक दूजे से नही रहे कोई भी पर्दादारी,

एक दूजे के लिए हरदम हो तैयारी,

हारी बीमारी में भी खड़े रहे एक दूजे के,

मुश्किल वक़्त भी नही लगे संग भारी।


जीवन की जहाँ हर पल में नई शुरूआत हो,

जहाँ खुलकर एक दूजे से दिल की बात हो,

जहाँ हँसना रोना खेलना कूदना हो संग में,

जहाँ दिन तो दिन हो संग में ही रात हो।


जहाँ मिलकर ढूँढे हर मुश्किल का हम हल,

जहाँ एक एक ग्यारह बढ़ाएं हमारा आत्मबल,

जहाँ सुरक्षा का एक दूजे संग एहसास रहे,

परिवार का संग आज रहे और रहे कल।

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