अफवाहों का बाजार बड़ा गर्म है,
वो खुश है, लगता है दर्द कम है।
अब अफसोस कैसे हम जतायेंगे,
सांत्वना के बोल कैसे बोल पायेंगे,
चलो कुछ झूठी खबरें बनाते हैं,
ऐसे ही थोड़ा बातों में उलझाते हैं।
उसके चेहरे पर गहरी मुस्कान है,
शायद पा लिया उसने अरमान है,
बड़ा ही सज सँवर कर रहती है,
अलग ही कहानी बन रही लगती है,
दुनिया इस बात से परेशान है,
क्यूं वो खुश है, दुख से क्यों अंजान है,
कैसे उसने एतमाद का हुनर पाया है,
दुनिया में कैसे पहचान बनाया है।
अफवाहों का बाजार बड़ा गर्म है,
वो खुश है लगता है उसका दर्द कम है।
कैसे उसने लहजे में बेबाकी पाई है,
कैसे खुद को साबित करके टिकाया है,
कैसे उसने गिरकर संभलना सीखा है,
यही बात दुनिया को रास न आयी है।
अफवाहों का बाजार बड़ा गर्म है,
उसके चेहरे पर मुस्कान पसरी है,
आखिर इसकी वजह कौन है?
#बस यूँही
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