हाथ जब भी उठे मदद के लिए उठे,
इंसानियत सदा तुमसे यही है कहे।
मदद के रूप कोई भी हो सकते हैं,
मदद के लिए सदा हम ऋणी है रहे।
मदद कभी पैसों के रूप में करे,
कभी दुख में वो तेरे संग है चले,
कभी बस तेरे कांधे पर रखे हाथ,
बिना बोले ही वो अपना है बने।
मदद के लिए दिखावा जरूरी नही,
मदद के लिए मौन भी हम है रहे,
कभी प्रत्यक्षतः कभी अप्रत्यक्ष रूप
हम मदद सदा ही करते रहे।
इंसान रूप में हमारी सर्वश्रेष्ठता यही,
सदा हम मदद के लिए आगे हैं बढ़े,
मानवता की रक्षा हम करते रहे सदा,
मदद एक दूसरे की सदा हम है करें।
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