मेरी अपनी सीमाएं,मेरी अपनी उड़ान,
छोटे-छोटे कदमों से बनानी है पहचान,
नही कोई स्पर्धा नही कोई है होड़,
इस नाजुक से दिल के छोटे हैं अरमान।
मेरी अपनी कल्पनाएं,मेरे कुछ हैं सपने,
जो पूरे न हो सकें पर लगते बेहद अपने,
अपनी कल्पनाओं के मोहपाश में बंधे,
यही हैं मेरे जिजीविषा के कुछ सामान।
सरलता रहे विचारों में प्रेमपूरित व्यवहार,
लफ़्ज़ों की स्पष्टता जीवन का आधार,
छल प्रपंच से दूर रहूँ सदा ही जीवन में
एक दूजे के लिए रहे सम्मान और प्यार।
मेरी अपनी इच्छाएं मेरे अपने शौक,
राह की बाधाएं नही सकती मुझे रोक,
ये हैं मेरा सम्बल यह देते आत्मविश्वास
नही फर्क पड़ता अगर दे मुझे टोक।
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