रिश्तेदार की बेटी की शादी में जाने के लिए तैयार होती श्रद्धा ने जैसे ही हल्के रंग की साड़ी निकाली शांतनु ने कहा ,रुको,मैं देता हूँ साड़ी
और उसने चटख मैरून रंग की साड़ी श्रद्धा को पहनने को देते हुए बोला ,इसे पहनो,तुम पर जँचेगा।
श्रद्धा की आँखें विस्मय से खुली रह गयी।
हालाँकि श्रद्धा को शुरू से ही चटख रंग पसन्द था मगर शांतनु को हल्का रंग पसन्द था तो वह हल्के रंग को ही अपना पसन्द बना ली।
जब वह तैयार होकर शादी में पहुँची तो सब यही कह रहे थे इस उम्र में इतनी चमक।
और शांतुन उसे मुस्कुरा कर देख रहा था।
फिर जब सब डांस कर रहे थे शांतनु ने कहा श्रद्धा चलो हम भी करते हैं।
इस बार तो श्रद्धा को ऐसा लगा जैसे उसे कानों पर यक़ीन न हुआ।
शादी से लौटते हुए जब श्रद्धा ने कहा आज आपको क्या हुआ,आप तो ऐसे न थे।
शांतनु ने मुस्कुराते हुए कहा की मैं ऐसा ही था,मेरी जिम्मेदारियों ने मुझे बदल दिया था।
और मुस्कुराते हुए बोला ,क्यों तुम्हें यह शांतनु पसन्द नही है क्या?
श्रद्धा मुस्कुराते हुए उसके गले लग गयी।
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