सपने

सपने

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 27 May, 2022 | 1 min read



सपनों के अद्भुत रंग निराले,

अजब गजब ये हैं मतवाले।


मन में उम्मीदों को हैं जगाते,

जिंदादिली से जीना सीखाते,

कठिन श्रम साधना का ये

हमको अक्सर पाठ पढ़ाते।


कभी नील गगन की सैर कराते,

कभी पहाड़ी वादियों में पहुँचाते,

कभी उफनते समुन्द्र तट तक ये,

कभी मरुस्थल तक ये पहुँचाते।


सपनों के एक सुंदर जहान में

रहते हम बड़ी ही शान में

अपनी दुनिया अपनी बादशाहत

हम रहते पूरे सम्मान में।


सपनों को पूरा करने का प्रयास,

मन में जगाये एक सच्ची आस,

तोड़ें सारे भरम काश हम,

अधूरे सपने मिटा देते एहसास।


सपनों के अद्भुत रंग निराले,

क़ब अपने कब बेगाने कोई न जाने।



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