गुलाब

गुलाब का ये पक्ष

Originally published in hi
❤️ 1
💬 0
👁 363
Ruchika Rai
Ruchika Rai 03 Oct, 2021 | 1 min read

देखा तूने सदा ही 

गुलाब की खूबसूरती

उसका रूप रंग और सुगंध।

सराहा उसकी सुंदरता को

इठलाना उसका खुद की सुंदरता पर।

पर नही देखा कभी उसकी कृतघ्नता

अपने काँटों की चुभन

उसने सदा ही माली के हवाले किया।

वही जिसने खाद पानी डालकर

रखा दिन रात उसका ख़्याल।

तराशा उसे ,

उसको आकर्षक बनाने केलिए

किया खुद को होम।

अरे गुलाब ,तू तो मानव की तरह बन रहा।

जिसने उसी पेड़ को काटा

जिसने धूप में सहारा दिया।

उसी को गिराया

जिसने हाथ थाम खड़ा किया।

रूप रंग सुंदरता मन का भ्रम है,

असली सुंदरता दिल की खूबसूरती है।

जहाँ कृतज्ञता हो दिल से,

जहाँ शुकराना हो 

वही सच्ची रब की बंदगी है।



1 likes

Support Ruchika Rai

Please login to support the author.

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.