दिल और इश्क

दिल और इश्क

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 29 Sep, 2021 | 0 mins read

पता नही कैसा ये रिश्ता है दिल का

मुहब्बत के संग में

किस्सों,कहानियों ,गजलों कविताओं में

इसका ही जिक्र है।

दिल का काम है रक्त का सदा संचार,

जीवन का प्रसार,

पर प्रेम के नाम पर सदा ही इसकी धड़कन

तीव्र हो जाती है।

पता नही कैसा ये रिश्ता है दिल का

नाम इश्क संग होता है।

जब कभी इश्क की चर्चा जो हुई,

धड़कनें सदा ही बढ़ी।

संभाले से भी न कभी संभली,

बेचैनी मन में हावी रही।

फिक्र चिंता परेशानियों में भी सदा

परेशान दिल ये रहा ।

बस इसलिए जीवन को बचाने के लिए

संग जिंदगी को पाने के लिए।

दिल का अपने तुम ख्याल रखना।

दिल का रिश्ता है कुछ गहरा सा इश्क से

नाम उनका सुन ये धड़कता रहा।

विज्ञान के दावे भी झूठे अब लगने लगे,

जब उसने कहा कोई रिश्ता नही

दिल और इश्क का।

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