प्रेम एक रूहानी एहसास है,
जो हर रिश्ते का बनाता खास है
प्रेम के बिना कैसे हो कल्पना
प्रेम जीवंत रहने के लिए आस है।
प्रेम माँ की लोरी है,
प्रेम पिता की जिम्मेदारी है,
प्रेम भाई की मौली है,
प्रेम बहन का छुपाना राज है।
प्रेम पति को समर्पण है,
प्रेम प्रेमी का अवलंबन है,
प्रेम दोस्ती का बंधन है,
प्रेम रिश्तों का गठबंधन है।
प्रेम पूजा का प्रसाद है,
प्रेम एक दूजे का विश्वास है,
प्रेम मुसीबत में साथ है,
प्रेम दुनिया का सुंदरतम एहसास है।
प्रेम बस प्रेम है,
शब्दों से परे है,
लफ्ज़ो का जहाँ नही स्थान है।
प्रेम भावनाओं का विस्तार है,
प्रेम ईश्वर का रूप साकार है।
प्रेम बस प्रेम है।
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