गणतंत्र

गणतंत्र गान

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 21 Jan, 2022 | 1 min read

हम भारत भूमि की यशोगान सुनाने आये हैं,

अपने गणतंत्र की यह पहचान बताने आये हैं।


विभिन्न भाषा ,विभिन्न बोली,विभिन्न खान-पान,

विभिन्न रीति रिवाज ,विभिन्न धर्म,विभिन्न पहचान,

विभिन्न में एकता ही हमारी है सदा से ही शान,

अपने गणतंत्र की यह अभिमान बताने आये हैं।


हम भारत भूमि की यशोगान सुनाने आये हैं,

अपने गणतंत्र की यह पहचान बताने आये हैं।


एक राष्ट्र,एक ध्वज एक है हमारा संविधान,

एक राष्ट्रीय गान गाये सभी जय जय हिंदुस्तान,

सजग प्रहरी बनकर खड़े जवान सीना तान,

जाति धर्म से ऊपर देश यह आन बताने आये हैं।


हम भारत भूमि की यशोगान सुनाने आये हैं

अपने गणतंत्र की यह पहचान बताने आये हैं।


हँसकर झूले फाँसी पर कितने ही रणबांकुरे,

कितने ही सीमा पर दुश्मन से डटकर लड़े,

किया दुश्मनों का सामना नही कभी वो डरे,

वीर भारतीयों की यह पहचान बताने आये हैं।


हम भारत भूमि की यशोगान सुनाने आये हैं

अपने गणतंत्र की यह पहचान बताने आये हैं।



तीन रंगों से जुड़ा है हमारे देश की शान,

नभ में सदा ही लहराता रहे यही है अरमान,

फले फुले सदा ही हमारा देश महान,

अपने देश की सदा ये गान सुनाने आये हैं।


हम भारत भूमि की यशोगान सुनाने आये हैं,

अपने गणतंत्र की यह पहचान बताने आये हैं।

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