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निगाहें

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 13 Dec, 2022 | 0 mins read

इन निगाहों में छुपाये दर्द गहरे हैं,

झुकी पलकों संग हया के पहरे हैं,

जो उठे तो विस्मित हो जाये हम,

ये निगाहें किसी दिल पर ठहरे हैं।


इन निगाहों में छुपी हुई कहानी है,

जो बयां न हो सकी कभी जुबानी है,

इन निग़ाहों से इतर भावनाएँ कहाँ,

दिल में उतर जाए वह रब की मेहरबानी है।


इन निग़ाहों को पढ़ सके जो कभी,

दिल का हाल समझ सके जो अभी,

बस रब की नेमत बन कर उतरे,

इन निग़ाहों में बस सके जो कभी।

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Ruchika Rai

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