किताबों की दुनिया

किताबों की दुनिया

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 04 Apr, 2021 | 1 min read

किताबों की दुनिया


ये किताबों की दुनिया शांत सी

निश्छल सी

निःस्वार्थ सी

सीखा जाती हैं बहुत कुछ

मौन रहकर

जो हैं जीने के लिए जरूरी।


इन किताबों की दुनिया में

यही सच्ची साथी

यही सहारा

यही उत्साह का रंग

इनसे ही बाँटे हम सारे दर्द संग,

अकेलेपन के शोर पर पड़ी भारी,

इनसे मिलकर पूरी हो जाये दुनिया सारी।


ये किताबों की दुनिया

जहाँ दिखे गँवई ठाट

शहरी चमक दमक

इनके साथ ही बरसात का सुहाना नजारा,

बसंत की बहार

गर्मी की अकुलाहट

ठंड की थर्राहट।


इन किताबों की दुनिया में ही 

प्यार और रोमांच।

नफरत और भय

मिलन और जुदाई

खुशी और गम।

अंततः ये किताबों की दुनिया

अपने आप मे पूर्ण

इनमें ही है सारा जीवन।



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