छोड़ो दुनिया की ये फिक्रें और
ये उनकी बातें
क्या सही क्या गलत का मूल्यांकन
करती हालातें
जो भी करोगे उसको मापेंगे तौलेंगे
कुछ तो लोग कहेंगे।
अच्छे को बुरा साबित करेंगे,
बुरे को अच्छा ही मानेंगे,
छोटी-छोटी कमियों को ढूँढ़ेगे,
फिर उनपर चर्चा कर जानेंगे
ऐसे ही बेवज़ह की बातें और उनको
चटपटा बनाने की जुगत,
कुछ तो लोग कहेंगे।
तुम्हारी बेबाकी को बदजुबानी,
तुम्हारी विनम्रता को कमजोरी,
तुम्हारी मासूमियत को मूर्खता,
तुम्हारी बुद्धिमत्ता को शातिरता
और भी न जाने क्या कुछ समझेंगे,
कुछ तो लोग कहेंगे।
चलो छोड़ो,लोगों को सुनना
सही गलत क्या है दिल की सुनना,
अपने हिस्से की खुशियाँ जी लो,
बेवज़ह की फिक्र नही करना।
वरना कुछ तो लोग कहेंगे।
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