भूमि धरा,धरिणी न जाने कितने नामों से
हमने इसे पुकारा है,
माँ है हमारी वो जिसने हमें सदा ही सँवारा है।
छोटी-छोटी जरूरतों का धरा ने ध्यान रखा,
हर प्रकार के फल, अन्न का हमने है स्वाद चखा,
पृथ्वी है हमारा घर हम यहाँ है निवास करें,
धरती है हमारी माँ व्यवहार करें जैसे हो सखा।
इसकी सुरक्षा के लिए हम सदा तैयार रहें,
प्रदूषण मुक्त हो धरा यह हम सदा ही कहें,
प्लास्टिक के प्रयोग से स्वयं को हम बचाएं,
धरती को साफ स्वच्छ करने के लिए हम कष्ट सहें।
नही गंदगी हम फेंके धरती पर इधर उधर,
कूड़े का ढेर रखें जहाँ हो कूड़ा के लिए घर,
पेड़ पौधे लगाकर धरती को हरा भरा बनाएं
हरियाली ही हरियाली हो गाँव हो या हो शहर।
धरती की उर्वराशक्ति को हम कुछ यूँ बढ़ाएं,
खेतों में गोबर खाद का प्रयोग हम जरूर करवाएं,
धरती है हमारा घर इस बात का ध्यान रखें,
बरसात के दिनों में मिट्टी के कटाव से इसे बचाएं।
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