ख़्वाहिश

ख़्वाहिश

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 23 May, 2022 | 0 mins read

इस जीवन में यही एक कोशिश जारी है,

जो जाना चाहते हैं उन्हें न रोकूँ जाने से।

इस जीवन में एक यही प्रयास करती हूँ,

जो रुकना और संग रहना चाहते निभा लूँ।


खुशी मिले चाहे छोटी हो या हो बड़ी,

बाँट कर मुस्कान ला सकूँ हर चेहरे पर।

दर्द कितना भी गहरा क्यों न हो जीवन में,

उसको छिपा कर मुस्कुराहट सजा लूँ होठों पर।


मैं इतना सरल होना चाहती कि निभा लूँ,

मन के सारे भेद को खुद में सदा छुपा लूँ।

मेरा वजूद हर चेहरे पर मुस्कान की वजह हो,

मेरे वजूद से न कोई कभी दर्द सह रहा हो।


मैं चाहती हूँ बन सकूँ किसी का अवलंबन,

चाहत न बन सकूँ तो न बनूं किसी की नफ़रत।

मैं गीतों के सरगम संग गुनगुनाना चाहती हूँ,

मैं जीवन में सरल सहज और मासूम रहना चाहती हूँ।



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Ruchika Rai

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