अप्रत्याशित जिंदगी के पड़ाव,
सीधे चलते राहों में नामालूम कैसे आये मोड़
पस्त होती हिम्मत और कमजोर पड़ता धैर्य
क्षत विक्षत संयम
न जाने कैसे जिंदगी के ये होते हैं इम्तिहान।
मगर हर कदम पर आते जो भी इम्तिहान,
देना ही पड़ता ,नही पता क्या है पाठ्यक्रम
मगर टूटते हौसलों को जोड़ने की कवायद
यही है इम्तिहान से गुजरने की जद्दोजहद
और इम्तिहानों में उपस्थिति का प्रयास
बिना परिणाम का किये परवाह।
यही जिंदगी का है इम्तिहान।
नामालूम कब किस घड़ी क्या आयेंगे
जिंदगी की राह में मुश्किलें
कैसे करना पड़ेगा उसका सामना
क्या क्या आयेंगी बाधाएं,
मगर फिर भी जिंदगी के हर पल में रहना है ततपर
और करना है हर मुश्किलों को सामना
और दिखानी है हिम्मत।
यही है जिंदगी के इम्तिहान।
सामना करना है जिंदगी के इम्तिहानों का
फिर क्यों है रोना कलपना
बनकर उदाहरण स्वयं को प्रस्तुत करना,
मुस्कुराहट होठों की नही कभी खोना।
हर इम्तिहान दे जाती है सबक
हार या जीत के संग में एक नया अनुभव
जिंदगी के अध्याय में जुड़कर
बना देती है सदा ही हमें एक शक्ति का मिसाल।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.