प्रकृति के अनेक रंग जीवन को बताए,
रंगों में रंग जीवन को खूबसूरत बनाए,
कही प्रेम का है रंग समर्पण जिसके संग,
जीवन के धूप छाँव को सदा समझाए।
फलों से झुकी डालियाँ विनम्रता को कहे,
बहती हुई नदियाँ राह की बाधा पार करे,
सूरज की तपिश कहे जीवन का ताप सहो,
चाँद की शीतलता मन को है शीतल करे।
पतझड़ कहे दुख के दिन भी आते रहेंगे,
बसन्त की बयार कहे हम मुस्कुराते रहेंगे,
फूलों की सुरभि कहे कर्म तुम ऐसे करो,
सुरभित कर जीवन को वह महकाते रहेंगे।
जुगनू कहे यथाशक्ति किसी के काम आओ,
चींटी कहे मेहनत से नही तुम घबड़ाओ,
पर्वत कहे दृढ़ बन अपनी पहचान बनाओ,
झरना कहे मुश्किलों में भी जीवन संगीत गाओ।
टेसू के रंग से जीवन को तुम रंग जाओ,
महुआ की मादकता से जीवन को तुम सजाओ,
डूबते सूर्य से विराम का पाठ पढ़ो तुम,
प्रकृति के हर रंग में रंग जीवन को सजाओ।
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