नारी और प्रकृति

नारी और प्रकृति

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 08 Oct, 2021 | 0 mins read

नारी और प्रकृति


नारी और प्रकृति दोनो ही समान,

दोनों ही दें सदैव जीवनदान,

दोनों ही करें जगत कल्याण।

नारी धैर्य की मूर्ति ,अप्रतिम सहनशक्ति

तिरस्कार के बावजूद करती है सदा अपनों से प्यार।

प्रकृति है बेमिसाल,

करती है कमाल,

उसको करते सदा प्रदूषित और बरबाद,

फिर भी नही कभी किया उफ्फ हाय,

काम आती हम इंसानों के

करती है फिक्र परवाह और रखती है ख्याल।

नारी और प्रकृति दोनों ही समान।

जीवन का हर रंग फीका लगे नारी बिन,

कभी माँ कभी बेटी कभी पत्नी कभी प्रेमिका,

हर रूप में रौनक फैलाती है,

जिम्मेदारियों को सदा निभाती है

वह है अद्भुत और कमाल।

प्रकृति भी रखती माँ सम ख्याल,

पोषण और पालन करती वो

प्राण वायु भी देती है,

जीवनदायिनी बनी सदा से,

है वह और उसका रूप बेमिसाल।

कई बार प्रकृति को क्षति पहुँचाई,

प्रदूषित किया,

मार्ग अवरुद्ध किया,

फिर भी उसने नही हमारी हानि का सोचा।

नारी भी क्षमाशील बनी,

दयावान बन सबके लिए फिक्रमंद रही।

नारी और प्रकृति है दोनों एक समान

हैं अद्भुत और कमाल

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Ruchika Rai

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