देवी पूजा आपकी नजर से

देवी पूजा

Originally published in hi
Reactions 0
354
Ruchika Rai
Ruchika Rai 18 Apr, 2021 | 0 mins read


हो नही बस मंदिरों घरों में मूर्तियों की पूजा,

मिलनी चाहिए घर की बहू बेटी को भी यथोचित सम्मान,

देवी पूजा की सार्थकता तभी होगी,

जब घर की बेटी को भी मिले उन्मुक्त आसमान।


न चौक चौराहे पर फब्तियां सुनने को उन्हें मिले,

न कार्य स्थल पर उन पर है कोई ताना कसे,

न घर से बाहर निकलने में उन्हें कोई भय हो,

न उनकी अस्मिता पर बुरी नजर किसी की पड़े,

देवी पूजा की सार्थकता यही है।


न आपसी झगड़े में माँ ,बहन के नाम की गाली हो,

न मजाक में भी स्त्री के रूप सौंदर्य पर बजे ताली हो,

न विज्ञापन का कभी वो आधार बने,

ना उनके नाम पर कोई हाट बाजार सजे,

देवी पूजा की सार्थकता बस मेरी नजर में यही है।


न प्रेम के नाम पर उनको छला या ठगा जाय,

न उनके जिस्म को पाने की चाहत में प्रेम किया जाय,

हो उनके भावनाओं को पूरी तरह से सम्मान,

जिस्म से परे भी उनका अस्तित्व है यह सत्य स्वीकार किया जाय,

देवी पूजा की सार्थकता यही है मेरी नजर में,

देवी पूजा की सार्थकता यही है मेरी नजर में।

0 likes

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.