रंग प्रीत का

रंग तरंग

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 18 Mar, 2021 | 0 mins read

एक रंग प्रीत का हमने लगाया है,

बैर भाव सारे जिंदगी से भुलाया है।

अब तो किसी से नफरत नही होती,

ये श्वेत रंग का ऐसा खुमार छाया है।

किसी के खुशी में खुश हो जाता दिल,

किसी के गम में तड़प जाता है दिल।

हर रंग में रंगने का हुनर अपनाया है,

इसी हुनर से खुद को मजबूत बनाया है।

अब तो अपने लिए कोई खास रंग नही जँचता,

रंग जो अपनों को पसंद वही अपनाया है।

त्योहारों के रंग में डूबे हुए सभी यहाँ,

हमने भी उल्लास का नकाब लगाया है।

दुनियावी दाँव पेंच से दूर रहकर सदा ही,

हर रंग को मैंने दिल से अपनाया है।

जाति पाँति ऊँच नीच सभी भूलकर हमने,

एक रंग इंसानियत का सदा अपनाया है।



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Ruchika Rai

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