कवि

क्या लिखूँ

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 19 May, 2022 | 0 mins read

चाहते मैं कुछ लिखूँ अद्भुत

कुछ ह्रदय को छू सके,

कुछ आत्मा तो पहुँचकर

बन जाये पाठक के लिए अमृत।


कवि के रूप में सबकी यही आशा,

मेरी कविता दूर कर दे मन की हताशा,

उम्मीद की किरणें मैं लेकर आ सकूँ,

मन के अंदर के अंधकार को मिटा सकूँ।


इस ह्रदय से जो उमड़ता नही है वह कविता,

यह तो शब्द हैं जो दिखलाती है जीवन व्यथा,

या फिर यह प्रेम के रंग में रंगी हुई,

एक सुंदर सुहानी सी है कोमल कल्पित कल्पना।


मन की हताश और निराशा शब्दों में आती,

कुछ कहे अनकहे जज्बात कविता बन जाती,

पढ़ना ही है तो पढ़ लो मेरे मौन को

या फिर बोलती आँखों को जिसमें छिपा है राज गहरा।

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Ruchika Rai

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