वीरों की शहादत को मत भुलाइये,
उनके लिए बस ये फर्ज निभाइये।
जिन्होंने देश के लिए खुद को मिटाया,
उनकी शहादत को याद कर जाइये।
न कभी हो कमजोर देश की अखंडता,
अपनी माटी का ये कर्ज चुकाइये।
हँसते हँसते खुद फाँसी पर चढ़ गए,
उनके कुर्बानी के आगे शीश झुकाइये।
थे धन्य वो माँ बाप जिंनके वो लाल थे,
उनको भी अपना भाव पुष्प लुटाइये।
आसान नही देश के लिए होम होना,
उनकी बलिदानी को व्यर्थ न गँवाईये।
नही बाँटिये देश को धर्म जाति के नाम पर,
इतनी तो देशभक्ति आप अपनाइए।
कभी न देश को टुकड़ों में बाँटकर,
अपने ही देश को आप कमजोर बनाइये।
श्रद्धा के दो पुष्प उन शहीदों के नाम पर,
चलिये आज आप दिल से है चढ़ाइए
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