जाने अनजाने चेहरे

रोज आँखों से गुजरते हैं

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 16 Apr, 2022 | 0 mins read

रोज आँखों से गुजरते हैं कुछ जाने अनजाने चेहरे,

कुछ पर गम के बादल ,कुछ पर खुशी के पहरे।


कुछ पर मुस्कान तारी है,

कुछ हँसी की फुलवारी है,

कुछ अनुभवों से पगे होते,

कुछ दिल को लगे प्यारी है।


रोज आँखों से गुजरते हैं कुछ जाने अनजाने चेहरे


कुछ में अपनेपन की आस है,

कुछ लगती बहुत ही खास है,

कुछ के सम्मोहन में खींचता मन,

कुछ में दिखती आत्मविश्वास है।


रोज आँखों से गुजरते हैं कुछ जाने अनजाने चेहरे


कुछ की उदासी उदास कर जाती,

कैसे मुस्कान लाऊँ ये जोर आजमाती,

मन को व्यथित कर देती है वो,

बस चाहती कि कैसे भी खुशियाँ आती।


रोज आँखों से गुजरते हैं कुछ जाने अनजाने चेहरे


कुछ चेहरों को है मीठे बोल की तलाश,

कुछ चेहरों को प्रेम की है लगी आस,

कुछ चाहते थोड़ा सहानुभूति और अपनापन,

कुछ को है रिश्तों पर अटूट विश्वास।


रोज आँखों से गुजरते हैं कुछ जाने अनजाने चेहरे


काश की प्रभु पूरी करे हर दिल की तलाश,

काश की प्रभु कृपा हो बुझे सबकी ही प्यास,

प्रभु चरणों में सदा ही स्थान बना रहे,

हर चेहरे का सदा से ही रहे ये प्रयास।


रोज आँखों से गुजरते हैं कुछ जाने अनजाने चेहरे,

कुछ पर गम के बादल कुछ पर खुशी के पहरे।

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