जिंदगी में मिठास घोलने के लिए कोई दिन विशेष की जरूरत तो नही होती,पर उलझन भरी ,भाग दौड़ वाली जिंदगी के बीच इन दिनों के बहाने ही हम ताजगी लेकर आते।
मैं अपने घर में भाई बहनों में सबसे बड़ी हूँ,कुछेक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण मम्मी पापा के साथ ही रहती हूँ।
और यह तो सभी जानते हैं कि बच्चे कितने भी बड़े हो जाएं,अपने माँ पापा के लिए बच्चे ही होते हैं।
बड़े होने के बावजूद भी माँ पापा के सामने बचपना जिंदा ही रहता है।
यही हाल कुछ मेरे साथ है।
आज भी जब कही पापा या मम्मी जाते तो मेरे लिए चॉकलेट जरूर लेकर आते।
मेरी बहन का 10 वर्षीय बेटा आर्यव ,यूँही मुझसे नोंक झोंक करता रहता।
और अपनी समझ से बोलता की मैं जैसे अपने मम्मी पापा का बेबी हूँ ठीक वैसे ही आप नाना नानी के।
जब भी हमारे घर आता तो कोई पूछता की आर्यव बाजार जा रहे क्या चाहिए?तो उसका जबाब होता दो चॉकलेट लाना,मोमो यानि कि मैं वो भी बच्ची है न।
आज सुबह सुबह बहन का फ़ोन आया और उसने बताया कि अभी आर्यव ने तुम्हारे लिए चॉकलेट भेजा है।
दो दिनों से कही पढ़ लिया था कि आज चॉकलेट डे है तो अपने डैडी को परेशान किया था कि मोमो को चॉकलेट भेजो।
तब तक उसने फ़ोन ले लिया और बोला हैप्पी चॉकलेट डे मोमो🍫
लव यू❤️
और सच बताऊँ, जीवन की सारी कमियाँ, सारा खालीपन इस प्यार से भर गया।
शुक्रिया यूनिवर्स
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.