जूझ रहे हैं युवा पाने को रोजगार,
संकट में है वर्तमान दिख रहा,
अधर में दिखता आगे का पूरा हाल।
मेहनत करते पा जाएं एक अच्छी नौकरी,
होती तैयारी ,देते परीक्षा
पर संशय में है मन प्राण
कहाँ पर्चा लीक हुआ,कहाँ जगह बिक गया,
किसे पता है अंदर का मायाजाल।
जूझ रहे हैं युवा पाने को रोजगार।
शिक्षा आज महंगी हुई है,
रोजगार है खस्ताहाल।
एक परिणाम के आने में लगते कई साल,
तिस पर भी आश्वस्त नही है
की होगा ये किस साल?
अपना स्वार्थ सिद्ध न हो
देते हैं केस ठोंक
सत्ता बदली,नियम बदले
यही चलता है खेल।
ऊपर से आरक्षण ने कोई कसर नही छोड़ी
योग्य बैठा है किस्मत कोसे
अयोग्य को मिलती नौकरी।
रोजगार के लिए काम धंधे,
प्राइवेट नौकरियों से बची हैं थोड़ी आस
पर वो भी काम कराते ऐसे हैं
खुलकर ले नही सकें कोई साँस।
रोजगार पाने को युवा है बड़ा परेशान,
एक अच्छा सा रोजगार मिले की मिले उसको मान।
Comments
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बहुत सही लिखा है |
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