साहिल

किनारे की तलाश

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 26 Feb, 2021 | 1 min read



फँसी बीच मँझधार में साहिल की तलाश है,

इस जिंदगी में बस इतनी सी मेरी आस है।


बैठे रहे तट पर तमाशा देखते रहे कुछ लोग,

वैसे लोगों पर मुझको नही कोई विश्वास है।


कुछ लोग मुझे डुबाने की कोशिश ही करते रहे,

उनकी कोशिशें नाकाम हो यही मेरा प्रयास है।


कुछ लोग मुझे टूटा देखने के इंतजार में हैं,

मुझे इस बात का अच्छी तरह एहसास है।


तन्हा जिंदगी के रास्ते कठिन लगते हैं बड़े,

कोई तो कहे हम जिंदगी में उनके खास है।



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