सुहानी सुबह

सुहानी सुबह

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 31 Jan, 2022 | 1 min read

काश की एक ऐसी सुबह आये,

गम के ही सारे बादल छंट जाये,

वो खुशियों भरी रोशनी में हम सब, 

अधूरे ख्वाबों को पूरी कर पाये।

रवि किरणों के प्रखर तेज से रोशन हो जीवन,

कुसुम सा सुवासित हो हर मन का आँगन,

पक्षियों के कलरव सा संगीत बजे हर दिल में,

शीतल हो जाये हर मन जब बहे मधुर पवन।

काश की हर दिल में प्रेम ही प्रेम हो सदा,

दिलों से नफ़रत बिल्कुल हो जाये जुदा,

एक दूसरे का परवाह ख्याल फिक्र रहे और

मिलजुलकर ही रहे हम एकजुटता संग सर्वदा।

काश की एक ऐसी सुबह आये ,

मन के सारे सपने हम पूरे कर पाये,

अधूरे ख़्वाहिशों को पूरे करने की कश्मकश में

नही ये दिल बेचैनियों में हम बिताये।

काश की उस सुहानी सुबह में

दर्द हम दूसरों के सदा बाँट पाये।

जो हैं अकेले बेसहारा बन रहे जीवन में

उनका सहारा बन जीवन समर में पार करवाये।

चलो एक सुखद सुहाने सुबह के लिये,

हम फरियाद प्रभु से कर जाये।

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