अंग हो गया है भंग मगर हिम्मत है संग,
देखकर मेरा हौसला रह जायेंगे सब दंग,
राह की बाधाओं को पार करेंगे हिम्मत से,
है तन कमजोर मेरा पर मन में जोश उमंग।
विपरीत है चाहे परिस्थिति स्वयं को निखारेंगे,
बिखर गया है वजूद उसे जोश से संवारेंगें,
हर नामुमकिन को मुमकिन करेंगे जज़्बे से,
छोटी छोटी बात में घबड़ा कर नही पुकारेंगे।
तन हो गया है कमजोर अंग भी टूट गए हैं
तस्वीर देखकर हम भी रण में जुट गए हैं,
एक इतिहास हम बनाएंगे आगे के लिए,
तकदीर को अफसोस होगा क्यों रूठ गए हैं।
कर्मरत होकर हम एक नई कहानी लिखेंगे,
देखकर सब हमसे कर्मरत होना सीखेंगे,
देशहित के लिए सर्वस्व समर्पित करके हम,
अपंगता में भी वीरता के साथ सबको दिखेंगे।
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