दिल और दिमाग

दिल और दिमाग

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 13 Jul, 2022 | 1 min read



दिल और दिमाग की चली खूब लड़ाई,

जमाने की आँच पर दिल ने मात खाई।


मासूम सा दिल ये संवेदनाओं में डूबा,

पर हर जगह इस दिल ने शत्रुता है पाई।


एहसासात को बड़ी संभाल कर रखा था,

 चोट लगी दिल को खो गई सारी मिताई।


दिमाग वालों ने खूब खेला इस दिल से,

तकलीफ हुई दिल को और मिली रुसवाई।


प्रयोगों की पाठशाला बनाया सबने दिल को,

हूक सी उठी दिल में जिंदगी नही रास आई।


मासूम से दिल की ख़्वाहिशें मुकम्मल हो,

बस यही दुआ रब से हर बार है दुहराई।


 दिल और दिमाग की जंग की सुलह करवा दें,

मुहब्बत की जमीन पर खुशबू है हमने फैलाई।



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