कहते हैं कि स्वस्थ व्यक्ति से स्वस्थ समाज और देश का निर्माण होता है,और स्वास्थ्य सुविधाओं के होने से ही हम स्वस्थ व्यक्ति और स्वस्थ समाज के निर्माण में भागीदार बन सकते हैं।
हालाँकि पहले की तुलना में आज के समय में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ी हैं,परन्तु यह कितना सार्थक हुई हैं यह जानना जरूरी है।
निचले स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की कार्य प्रणाली में सुधार,जाँच की बढ़ती सुविधाएं,छोटे ऑपरेशन की सुविधाएं, बच्चे का जन्म और टीकाकरण की सुविधाओं के होने से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को काफी लाभ पहुँचा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षित नर्सों और योग्य डॉक्टरों के बैठने से झोला छाप डॉक्टरों के चंगुल में फँसने की संभावना भी कम हुई है।
हालाँकि अभी भी बड़ी बीमारियों के लिए शहर के बड़े अस्पतालों में जाना पड़ता है परन्तु जीवन रक्षक दवाइयों और इलाज के कारण मृत्यु दर में कमी आई है।
स्वास्थ्य सुविधाओं के बढ़ते स्तर में निजी अस्पतालों को भी लाभ पहुँचा है और लोगों के जेब पर भी संकट गहराया है क्योंकि निजी अस्पतालों में सुविधाएं ज्यादा बढ़ी है तो लोग इलाज के लिए उंस तरफ रुख ज्यादा कर रहे हैं।
जरूरत है तो सरकारी अस्पतालों में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराई जाए।
लोगों को जीवन शैली में सुधार के लिए ज्यादा प्रशिक्षण दिया जाए ताकि बीमार की संख्या में कमी आ सके।
स्वास्थ्य सुविधाओं के बढ़ते स्तर से पुराने समय में होने वाले रोगों में कमी आई है।
क्षय,हैजा, चेचक ,प्लेग,कुष्ठ रोग ,पोलियो इत्यादि रोगों की संख्या काफी कम हुई है।
संक्रमण फैलाने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक और सचेत कर उसको कम किया गया है।
समय समय पर विभिन्न रोगों का टीकाकरण,विशेष दवाई कोर्सेज भी चलवाई जा रही है।ताकि उन रोगों का खतरा कम हो सके।
इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि स्वास्थ्य सुविधाओं के बढ़ते स्तर से लाभ हुआ है।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.