मिलन

गजल

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 23 May, 2022 | 0 mins read

कही किसी रोज हमारी तुम्हारी मुलाकात होगी,

हाथों में होगा हाथ और ढेरों दिल की बात होगी।


जुबां होंगे खामोश और निग़ाहों का घेरा होगा,

मन में नही कोई भी उलझन और सवालात होगी।


तेरे संग बिताये हुए लम्हों को कशिश में डूबी मैं,

अब नही मन में कोई भी बची ख़्वाहिशात होगी।


तेरे कांधे पर सिर रखकर भूल जाऊँ मैं गम सारे,

कुछ इस तरह मेरे दिल की सारी ही ज़ज्बात होगी।


इश्क़ का ये रंग मेरे दिल पर छाया है गहरे तक,

भूल जाऊँ सारे अपेक्षाओं को कब ये हालात होगी।

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