दायरे

दायरे

Originally published in hi
Reactions 0
288
Ruchika Rai
Ruchika Rai 22 Dec, 2022 | 1 min read

सभी कहते हैं दायरों को तोड़कर

उन्मुक्त गगन में उड़ने की कोशिश

पर्वतों पर चढ़ने की कोशिश

और नभ को छूने की कोशिश करना चाहिए।


पर दायरे मुझे भाते हैं,

यह दायरे नही कभी मुझे उलझाते हैं,

यह दायरे नही कभी मुझे भरमाते हैं,

इन दायरों का सम्मान करते हुए 

हर वक़्त कुछ नया करने की कोशिश

मुझे स्वयं को मापने का अवसर दे जाते हैं।


इन दायरों में रहते हुए जब कभी

मेरा मन भटक जाता है।

यह मुझे मेरे स्व से परिचय कराते हैं,

और धरा पर मेरे होने का उद्देश्य मुझे समझाते हैं।


इन दायरों में रहकर मैं नही गुजरती कभी

उस अनदेखे अनजाने राह से

जहाँ रुसवाईयाँ ,तन्हाईयाँ या बेवफ़ाईयाँ

मेरी जिन्दगी का हिस्सा बनें।

ये दायरे मेरी मंजिल और लक्ष्य का

अक्सर मुझे याद दिलाते हैं।

0 likes

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.