डूबते को तिनके का सहारा चाहिए,
मँझधार में फँसे को किनारा चाहिए।
जिंदगी खर्चे का हिसाब लेगी यहाँ,
मुझे फिजूल खर्चों से छुटकारा चाहिए।
आसान नही उलझनों को सुलझाना,
सुलझाने के लिए दोस्त प्यारा चाहिए।
दर्द में डूबे हुए की बढ़े सदा बेचैनियां,
बेचैनियों से छूटे ,रिश्ते हमारा चाहिये।
हौसले मजबूत हो ऊँची उड़ान भरने को,
मुझे तो आकाश सा विस्तार सारा चाहिए।
झुकना नही है कभी ये तुम जान लो,
हर जानने वाले को इज्जत प्यारा चाहिए।
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