बदलाव की बयार

बदलाव की बयार

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 06 Jun, 2022 | 0 mins read

श्वेता अपने माँ बाप की इकलौती बेटी थी,पेशे से डॉक्टर श्वेता ने अपने साथी डॉक्टर रूपेश से शादी की।

शादी के बाद वह अहमदाबाद रूपेश के साथ चली आई और दोनों ने अपना एक निजी अस्पताल खोल दिया ।

दोनों बहुत ही व्यस्त रहते ,एक भी दिन की छुट्टी मिलना दोनों के लिए ही मुश्किल था।

श्वेता फ़ोन से ही अपने सास ,श्वसुर और मम्मी पापा से हाल चाल पूछ लेती।दोनों ही जगह उसने घर में काम करने के लिए नौकर रख दिया था,पर मन में एक भय बना रहता कि तबियत खराब हो गयी तो।कई बार श्वेता और रूपेश अपने अपने मम्मी पापा को अहमदाबाद आने के लिए बोल चुके थे,पर वह लोग सुनते नहीं थे।

एक दिन अचानक से फ़ोन आया कि श्वेता की मम्मी बाथरूम में गिर गयीं और पैर में चोट लग गयी।

श्वेता तुरंत ही फ्लाइट से पटना गयीं वहाँ की स्थिति देखकर उसके आँखों में आँसू आ गए।

दो दिन इलाज करने के बाद वह अपने मम्मी पापा को अहमदाबाद चलने के लिए बोली।

पर वह लोग राजी नही हो रहे थे कि बेटी के घर जाकर कैसे रहेंगे।

पर श्वेता जिद करने लगी और उधर रूपेश भी फोन पर जिद कर रहा था।

बहुत कहने पर वे दोनों राजी हुए।फ्लाइट में बैठते हुए श्वेता के मम्मी पापा राहत की साँस ले रहे थे।

बदलाव की यह बयार उन्हें सुखद एहसास करा रही थी।

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