परिवार

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 10 May, 2022 | 1 min read

परिवार जहाँ आपस में हो प्रेम व्यवहार,

जो मिलकर मनाए हर पर्व और त्योहार,

सुख दुख में एक दूजे का साथ निभाये,

एक दूजे के संग रहे चाहे जीत हो या हार।


परिवार जिसका विश्वास ही बनता आधार,

नही छूटे संबंध चाहे को कितनी तकरार,

बनें सहारा एक दूजे का हर मुश्किल में,

जहाँ एक दूजे के दिल से जुड़े हो तार।


परिवार जहाँ अनुभव का रहता खजाना,

जिनके संग ही होता रूठना या मनाना,

जहाँ एक दूजे के लिए मन में आदर सम्मान,

जहाँ जरूरत में एक दूजे का हाथ बँटाना।


परिवार जहाँ कई पीढ़ियाँ रहें एक साथ,

जिनकी अलग अलग होती अपनी बात,

फिर भी मिलजुलकर सदा ही रहे सभी,

जैसे मिला हो ईश्वर से कोई प्यारा सौगात।

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