तिमिर घना हर तरफ छाया है,
मन में भी भय पैठ बनाया है,
न राह सूझता है कोई भी
फिर भी हमने आशा का दीप जलाया है।
हैं अँधेरा जो दिख रहा है,
मन में बेचैनी समाया है,
त्राहिमाम मच रहा है हर तरफ,
फिर भी उम्मीद रख मन में दीप जलाया है।
हर अँधेरी रात के बाद आती है किरणें,
मन में नई उम्मीद जगाती है किरणें,
छँटेगा ये दुख का बादल जल्दी ही,
ये आशा का दीप हमने मिलकर जलाया है।
प्रार्थना सदा करते रहते हैं प्रभु से,
प्रार्थना से ही मन में हिम्मत जगाया है,
किया है हर दुखों का सामना हिम्मत से,
और सदा हमने आशा का दीप जलाया है।
आशा से ही हर दुख कट जाता,
हौसलों को हमने मजबूत बनाया है,
हर मुसीबत हर बाधा को पार किया हमने,
ये आशा का दीप हमने मिलकर जलाया है।
Comments
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Nice
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