बदलाव की बयार

बदलाव की बयार

Originally published in hi
❤️ 0
💬 0
👁 401
Ruchika Rai
Ruchika Rai 21 Apr, 2022 | 0 mins read

बदलाव की चौतरफा चल रही बयार है,

छोटी छोटी बातों पर होती तकरार है,

प्रेम ,सहयोग,समर्पण का दिखता अभाव,

दिलों में पल रही नफरत और रार है।


चाशनी सी मीठी जुबान ,दिल में चोर है,

अपनेपन का होता दिखावा और शोर है,

एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में,

ईर्ष्या का चौतरफा चलता ये जोर है।


दबे कुचलों को और है दबाया जाता,

जाति धर्म से विभेद का पाठ पढ़ाया जाता,

मारपीट और दंगे का बाजार गर्म है,

शांति की भाषा अब नही सीखाया जाता।


संवेदनाएं शून्य होती विकास के नाम पर,

धोखे और फरेब होते अपने ही काम पर,

रिश्तों के लिए मन में सम्मान है कम होता,

पैसा ही मूल्यवान हो गया अपने धाम पर।


यह कैसी चल रही बदलाव की बयार है,

तकलीफ में है मन और प्रश्न उठते हजार है।

0 likes

Support Ruchika Rai

Please login to support the author.

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.