सपना

सपना

Originally published in hi
❤️ 0
💬 0
👁 470
Ruchika Rai
Ruchika Rai 23 Jul, 2023 | 0 mins read



माना कि क़िस्मत संग जंग जारी है,

जंग जितने की होती सारी तैयारी है,

कोशिशें होती रहती है सदा यारों,

कभी हमारी कभी तुम्हारी बारी है।


इन नयनों में कुछ ख़्वाब पलता है,

पूरे करने को दिल सदा मचलता है,

दर्द तकलीफ़ भूला कर देखो सारी,

दिल परिस्थिति अनुसार चलता है।


कठिन श्रम करता रहता है ये मन,

सपने पूरे हो सके मेरे इसी जीवन,

हौसलों को हथियार बनाकर सदा,

जोश भरता है सदा ही इस बदन।


सपने की अपनी एक पहचान बनाऊँ,

अपने नाम से मैं हर जगह जानी जाऊँ,

पन्नों पर जज्बात को उतारा कुछ ऐसे,

जैसे लगा इसी राह मैं खुशी पाऊँ।


जज़्बा ये मुझे चैन से सोने नही देती,

दर्द मुझे महसूस कभी होने नही देती,

बस सपने पूरे हो जाये मेरे इस दिल के,

मेरे सपने मुस्कान को खोने नही देती।

0 likes

Support Ruchika Rai

Please login to support the author.

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.