तप्त ह्रदय को राहत पहुँचा दें,
आकुल हिय को सुकून दिला दे,
शीतलता तन मन हो छाई,
जब हो बारिश अपनों की याद दिला दे।
बारिश की बूँदें जब गिरे धरा पर,
मिट्टी की सोंधी खुशबू है आती।
तन मन आह्लादित होकर के,
तन मन की है प्यास बुझा दे।
बारिश की बूँदें गिरकर,
किसानों के मन में आस जगा दें।
खेतों में हरियाली छा जाये,
धरा की छटा सुंदरतम दिखला दें।
याद दिलाये बचपन की बातें,
जब बारिश में थे हम खूब नहाते,
उमंग उत्साह था नही थमता,
मेघ गरज गरज के बरसते जाते।
विरह अग्नि में जलता है मन,
बारिश की बूंदें जब गिरे बदन,
पिय की याद बड़ी तड़पाय
धधक उठे तन में तपन।
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