जीवन में रंग हो,उमंग हो ,तरंग हो
उड़ते गुलाल संग जीवन खुशरंग हो,
प्रेम प्रीत की धार की बौछार हो,
खुशी और गम जीवन के संग हो।
निराशा बीच आशा की बयार हो,
परवाह और ख्याल की रंगीन बौछार हो,
ख़ुशियों ही खुशियाँ से मन मदहोश हो,
होली पर मस्ती का ऐसा खुमार हो।
पकवान की मिठास सी बोली मधुर हो,
जीवन में रोज नए नए सीखे हम गुर हो,
हर वक़्त अनुभव की पाठशाला में पढ़े
जीवन जीने का अपना अलग शऊर हो।
प्रेम और भाईचारा का अनोखा संदेश दें,
ईर्ष्या घृणा नफरत और नही विद्वेष हो,
जाति धर्म का नही कोई तकरार हो,
छोटी छोटी बातों पर नही कोई रार हो।
होली के रंग में मिलकर हो जाएं एक,
लाल हरा पीला नीला हो चाहे अनेक,
सतरंगी रंगों का अलग ही खुमार हो,
फगुआ की गीतों पर नाचते सब देख।
रंगों के त्योहार में बचपन की चंचलता हो,
जवानी की चपलता बुढ़ापे की जीवंतता हो,
बस सब मिलजुलकर अबीर गुलाल उड़ाए,
अनेकता भले ही हो पर दिलों में एकता हो।
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