नवल आस

नवल आस

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 30 Dec, 2022 | 1 min read

नवल आस से है सजा सपनों का संसार,

दुख के पीछे है छुपा खुशियाँ और बहार।


दृढ़ संकल्पित कदम बढ़ाएं जीवन रण में,

सुख दुख का है वास जगत के हर कण में,

हौसलों की अभेद्य दीवार चलो हम बनायें,

नही विचलित हो हमारा मन किसी क्षण में।


आकांक्षाओं को पूर्ण करेगा यह नवल सवेरा,

प्रेम और विश्वास का होगा इस धरा पर डेरा,

नफ़रत की लकीरों को मिलकर हम मिटाये,

नही भेद रहेगा मन में क्या मेरा क्या तेरा।


उत्तम स्वास्थ्य,समृद्दि सबके जीवन में हो,

निराशा का गहन तिमिर नही किसी मन में हो,

जाग उठे मन में जज्बा कुछ कर जाने का,

जोश खरोश उत्साह धरा के हर जन में हो।


नवल आस से है सजा सपनों का संसार,

जीवन अमूल्य इसको करें हम सदा प्यार।

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