महिला सुरक्षित युग

महिला सुरक्षित युग

Originally published in hi
Reactions 0
283
Ruchika Rai
Ruchika Rai 08 Oct, 2021 | 0 mins read

महिला सुरक्षित युग

यथार्थ है या कल्पना

प्रश्न अनुत्तरित से लगे

जबाब दे कोई हो अपना।

अपनी बहु बेटी बहन की सुरक्षा की चिंता,

दूसरों को पाने की कामना।

प्रेम का विकृत रूप दिखे

जिस्म की चाहत दिलों में ,जगी है वासना।

काम की मशीनी बनी है,

घर में हो या बाहर ,जिम्मेदारी है संभालना।

महिला सुरक्षित युग,

बस है कोरी कल्पना।

नन्ही बेटियों की भी है अस्मत खतरे में,

किसे कहे,कैसे कहे ,कौन है अपना

किसे है संभालना।

तरक्की की ओर बढ़ रहे,

विकास के नए आयाम गढ़ रहे,

आधुनिकीकरण की ओर चल रहे,

पर विकृत सोच इंसानों की,

नजरों में विकृति,

महिला सुरक्षित युग

कैसे स्वीकार करें।

बस यही काश हो जाये ऐसा

हर तरफ महिला सुरक्षित ।

बस यही है कामना।

0 likes

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.