Ruchika Rai
Ruchika Rai 05 Jul, 2022
हिमाक़त
हिमाक़त नही कर झूठे भावनाओं के जाल में उलझने की, स्वयं को खोने की बात बात में स्वयं ही रोने की, वक़्त का पहिया है घूमता ही रहेगा अपने हिसाब से, चलो मुस्कुराओ छोटी छोटी खुशियों को पाने की।

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by ruchikarai

05 Jul, 2022

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