Ruchika Rai
16 Aug, 2024
सुरक्षा
रीढ़ विहीन समाज की
मर गयी है चेतना।
नैतिकता का ह्रास हो रहा,
मर गयी है संवेदना।
बर्बरता बढ़ती जा रही
इंसानियत हैवानियत में तब्दील हो रही।
यही है हमारे सभ्य समाज की तस्वीर,
जिसकी नही थी कल्पना।
स्वतंत्रता, समानता और शिक्षा से पहले
सुरक्षा की गारंटी हो।
जागो समाज ,राजनीति दलों से
उम्मीद नही कभी है तुम रखना।
Paperwiff
by ruchikarai
16 Aug, 2024
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