Ruchika Rai
23 Mar, 2024
यादगार बारिश
विद्यालय से छुट्टी का समय हो चुका था और बारिश खत्म होने का नाम ही नही ले रही थी।
जब बारिश हल्की-हल्की हो रही थी तभी बच्चों की छुट्टी हो चुकी थी लगभग सारे बच्चे और सभी शिक्षक घर जा चुके थे।
मैं और तीन-चार बच्चे ही विद्यालय में बचे हुए थे।बारिश के साथ इतनी गर्जन और बिजली की चमक थी कि कोई भी बारिश में भींगते जाने का जोखिम नही ले सकता था।
देखते-देखते 4 से 5 ,फिर 5 से 6 फिर अँधेरा भी गहराने लगा था।
एक बच्चे के चाचा जब उसे लेने आये तो उसने साफ कहा की जब तक मैम नही जातीं तब तक मैं भी घर नही जाऊँगी।
यह सुनते ही दिल में एक मीठी सी सिहरन हुई की बच्चे भी मेरी परवाह करते हैं।
और उस बारिश के साथ प्रकृति ने मुझे एक शिक्षिका होने का पारितोषिक दे दिया था।
Paperwiff
by ruchikarai
23 Mar, 2024
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